मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना के बारे में

भारत वर्ष में रेशम एक वस्त्र ही नहीं बल्कि एक संस्कृति है, जो कभी राजा महाराजाओं की राजसी पोशाक थी आज भी यह सभी वर्गों में उत्सव एवं अन्य कार्यक्रमों में शान का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के बनारस की बनारसी रेशमी साड़ी भारत वर्ष में अपना अग्रणी स्थान रखती है। रेशम उत्पादन कार्य कृषि आधारित व्यवसायिक खेती है जिससे अन्य पारम्परिक फसलों से अधिक आय प्राप्त होती है।

रेशम धागा रेशम कीट द्वारा उत्पादित ककून से बनाया जाता है। रेशम कीट भोज्य पत्तियों को खाकर अपने लार से शरीर के चारों तरफ सुरक्षा आवरण बनाकर ककून उत्पादित करते हैं। यह भोज्य पत्तियां शहतूती,टसर/अर्जुन, एरी/अरण्डी की होती है। तद्नुसार उत्पादित रेशम के प्रकार का नामकरण कर शहतूती, टसर एवं एरी सिल्क कहा जाता है।

श्री योगी आदित्यनाथ

माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

श्री राकेश सचान

माननीय मंत्री, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रउद्योग विभाग उत्तर प्रदेश शासन

श्री बी० एल० मीणा, (आई०ए०एस०)

अपर मुख्य सचिव, रेशम विकास विभाग उत्तर प्रदेश

श्री सुनील कुमार वर्मा (आई०ए०एस०)

विशेष सचिव एवं निदेशक, रेशम विकास विभाग उत्तर प्रदेश

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